मुँह से पिम्पल कैसे हटायें How To Remove Pimple Acne Couses In Hindi
How To Remove Pimple Acne Couses In Hindi
कील-मुहाँसे किसी भी उम्र में हो सकते हैं परन्तु किशोरावस्था में हार्मोनल परिवर्तनों की बयार चलने से ये अधिक हो सकते हैं। चेहरे व गले-गर्दन में वसा-ग्रंथियाँ अधिक रहती हैं जो यदि मृत कोशिकाओं से दब जायें अथवा अन्य किसी कारण से रोमछिद्र बन्द हो जायें तो पिम्पल इत्यादि त्वचारोगों की आशंका हो जाती है जो प्रायः समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं।
किशोरावस्था में त्वचा के नीचे की वसीय ग्रंथियाँ अधिक सक्रिय होती हैं। वैसे कील-मुहाँसों के कई प्रकार देखे गये हैं किन्तु उन सबको साथ लिखकर असमंजस न हो इसलिये यहाँ समग्रता में इससे जुड़ी समस्याओं के निवारण का आलेख लिखा जा रहा है।
यदि अपने मन से कोई छेड़छाड़ न की जाये कोई संक्रमण न हो एवं साफ़-सफ़ाई से रहा जाये तो ये शीघ्र ठीक हो सकते हैं। यदि किशोरावस्था में बार-बार हो रहे हों तो भी घबराने जैसी बात नहीं यदि वे स्वतः ठीक भी होते जा रहे हों।
How To Remove Pimple Acne Couses In Hindi

कील-मुहाँसे होने के कारण :
कील-मुहाँसे होने के कारण स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं हैं परन्तु फिर भी वैज्ञानिकों ने कुछ अनुमान लगाये हैं.
1. आनुवंशिक – कई मामलों में माता-पिता को जिस उम्र में कील-मुहाँसे हुए थे उस उम्र में उनके बच्चों को भी होते पाये गये हैं।
2. प्रतिदिन न नहाने अथवा साफ़-सफ़ाई से न रहने से।
3. तैलीय व मिर्च-मसालेदार भोजन अथवा नमकीन-चिप्स-कुरकुरे अथवा चाय-काफ़ी की अधिकता।
4. पानी पर्याप्त न पीना।
5. जंक, फ़ास्ट फ़ूड, कोल्ड या सोफ़्ट ड्रिंक्स पीने से।
6. सौन्दर्य, त्वचा-निखार, धूप से बचाव इत्यादि के नाम पर तरह-तरह के क्रीम पोतते रहना। त्वचा को यथासम्भव नैसर्गिक रूप से खुला रखना चाहिए, रासायनिक मेकअप व अन्य क्रीम-लोशन से त्वचा ही नहीं बल्कि शरीर में कई घातक रसायन अवशोषित होकर रक्त तक में मिल जाते हैं। मेक-अप की सामग्रियों के हानिप्रद रासायनिक अंश माँ के दूध में भी मिल रहे हैं।
7. टेस्टोस्टेरान – मेल-फ़िमेल हार्मोन्स दोनों लिंगों में अधिक-कम मात्रा में होते हैं परन्तु इनकी अधिकता त्वचा सहित विभिन्न अन्य स्थितियों के लिये हानिप्रद होती है.
तथाकथित बाडी बिल्डिंग व जिमिंग अथवा स्टॅरायड सेवन द्वारा जो लोग टेस्टास्टेरान को बढ़ाने का प्रयास करते हैं उनमें कील-मुहाँसे सहित कई अन्य समस्याएँ पनपने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि मेल-हार्मोन कहलाने वाले टेस्टोस्टॅरान का स्तर जितना अधिक होगा मुहाँसे इत्यादि त्वचा व अन्य विकृतियों की आशंका उतनी बढ़ जाती है।
8. रक्त-शर्करा – अत्यधिक ठोस साक्ष्य तो नहीं हैं फिर भी कुछ अनुसंधानों में ऐसा पाया गया है कि खाने में कृत्रिम शक्कर, मिठास लेने से बढ़ी रक्त-शर्करा से मुहाँसों की समस्या बढ़ सकती है।
समाधान : ऊपर व नीचे लिखे विवरण से बहुत कुछ स्पष्ट है फिर भी अन्य बिन्दुओं के रूप में ध्यान रखें कि साबुत अनाजों का सेवन करें, बिस्कुट-ब्रेड भी यदि ख़रीदें तो ‘साबुत अनाज से निर्मित’ देखकर ख़रीदें, घर में मिश्रित दालें, मिश्रित अनाजों की खिचड़ी खायें।
आटा भी मिश्रित अनाजों का ख़रीदें अथवा पिसवायें। त्वचा हो अथवा कोई अन्य शारीरिक विषय उसके बारे में आवष्यकता से अधिक सोचकर उसे समस्या न बनायें।
कील-मुहाँसे से जुडी कुछ भ्रम व वास्तविकता –
भ्रम : कील-मुहाँसे संक्रामक होते हैं !
वास्तविकता : यदि जीवाण्विक (बैक्टीरियल) संक्रमण तक हो गया हो तो भी प्रायः ये एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते।
भ्रम : बार-बार साबुन से मुँह धोने से चेहरे की त्वचा-समस्याएँ नहीं होतीं !
वास्तविकता : सामान्य साबुनों में प्रोटीन को तोड़ने वाला प्रोटिएज़ होता है जिससे त्वचा साफ़ चाहे लग रही हो परन्तु त्वचा की सुरक्षात्मक पर्त हट जाती है जिससे त्वचारोग होने की आशंका और बढ़ जाती है।
जिस प्रकार मनुष्य में पाचन-तन्त्र में कुछ उपयोगी सूक्ष्मजीव रहते हैं व कुछ हानिप्रद उसी प्रकार त्वचा में भी हानिप्रद व लाभप्रद सूक्ष्मजीव भी पाये जाते हैं, रासायनिक साबुन के कारण ये दोनों ही हट जाते हैं। इसलिये जहाँ तक हो सके चेहरा सादे पानी से धोयें एवं दिन में दस बार न धोयें तथा नहाते समय भी हर्बल साबुन अपनायें।
भ्रम : धूप में निकलने से कील-मुहाँसे अधिक होते हैं !
वास्तविकता : वास्तव में धूप में निकलने से शरीर में विटामिन-डी बनता है जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है। इसलिये सन्स्क्रीन लगाने अथवा धूप से बचकर कोमलांगी बने रहने की आदत छोड़ें, आपकी भी त्वचा धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगेगी।
यदि आप धूप में अधिक न निकलते हों तो हो सकता है कि धूप में शुरु में निकलने से आपको त्वचा में जलन या फिर घमौरी जैसी समस्या अनुभव हो परन्तु चिंता की बात नहीं है, धीरे-धीरे धूप की आदत हो जायेगी एवं समस्याएँ अपने आप मिट जायेंगी।
भ्रम : विटामिन-ई युक्त तैल लगाने या इस विटामिन का सप्लिमेण्ट खाने से कील-मुहाँसे दूर हो जायेंगे !
वास्तविकता : विटामिन -ई Skin के लिये अच्छा होता है इसलिये सोयाबीन, बादाम व मूँगफली का तैल त्वचा के लिये ठीक होगा परन्तु रासायनिक रूप से विटामिन -ई युक्त तैल लगाना अथवा कृत्रिम रूप से ऐसा कोई सप्लिमेण्ट लेना हानिप्रद रहेगा क्योंकि अन्य दुष्प्रभाव भी पड़ेंगे ही, सर्वश्रेष्ठ यह है कि नैसर्गिक रूप से Vitamin – E युक्त तैल लगायें एवं सर्वाधिक प्रभावी होगा कि खाने में मूँगफली व सोयाबीन के उत्पाद बढ़ायें ताकि शरीर के रक्त में विटामिन -ई की मात्रा संतुलित व नैसर्गिक रूप से बढ़ सके।
भ्रम : मुहाँसों के निशान बने रह जाते हैं !
वास्तविकता : प्रायः ऐसा नहीं होता यदि व्यक्ति सावधानी बरते। निशानों की समस्या हो अथवा अन्य कोई वास्तविक परेशानी त्वचारोग विशेषज्ञ से ही सम्पर्क करें।
सावधानियाँ व निराकरण :
1. प्रयोग के आने वाले टावेल, रुमाल, विशेष रूप से तकियों के खोल को अधिक बार-बार धोयें तथा हो सके तो अंतिम धोवन में डिटोल अथवा कपूर का बुरादा अथवा उबली नीम-बूँदें मिलायें।
2. कहीं भी त्वचा के फ़ोड़े-फुँसियों (विशेष रूप से चेहरे के पिम्पल) को खुरचना या दबाना नहीं चाहिए, अन्यथा ये और फैल सकते हैं अथवा इनमें कोई संक्रमण हो सकता है अथवा निशान बने रह सकते हैं। हाथों के नाख़ून भी काटते रहें ताकि भूलवश भी त्वचा पर ये गड़ न सकें।
3. नहाने से पहले एक-एक चुटकी आटा बेसन-हल्दी मिलाकर अर्द्धतरल बनाकर चेहरे पर एकदम हल्के हाथों से घुमावदार मुद्रा में लगायें एवं मंजन, शौच इत्यादि के दौरान तक उसे चेहरे पर लगे रहने दें। नहाने के दौरान चेहरे से मृत कोशिकाएँ हट जायेंगी एवं मवाद दूर होगा तथा साथ ही साथ पूरे शरीर में यह लेप फैलने से एक प्रकार से नैसर्गिक स्नान भी हो जायेगा।
4. फ़ोड़े-फुँसियों सहित कई त्वचारोग पेट अथवा आँतों की समस्या के लक्षण स्वरूप भी हो सकते हैं; अतः सम्बन्धित रक्त-जाँचें कराकर विशेषज्ञ को दिखायें।
एक विनती – दोस्तों, आपको यह आर्टिकल मुँह से पिम्पल कैसे हटायें 7 बेस्ट तरीके ,Pimple Kaise Hataye Aasani Se, How To Remove Pimple Acne Couses In Hindi कैसे लगा.. हमें कमेंट जरुर करे. इस अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरुर करे.