बालों का झड़ना कैसे रोकें 25 तरीके ? Remedies For Stop Hair Fall Treatment In Hindi
Home Remedies For Stop Hair Fall Treatment In Hindi
काले-घने-मोटे तेजी से बढ़ते बाल स्वयं के सिर पर भी फ़बते हैं और दूसरों के ऐसे बाल देखकर भी मन चाह सकता है कि काश ! ऐसा श्याम-मुकुट हमारे सिर पे भी होता। दूषित दिनचर्या के कारण बालों के झड़ने की शिकायत बहुत सारे स्त्री व पुरुष भी करने लगे हैं परन्तु ध्यान रखें कि कुछ सीमा तक झड़ना कोई समस्या नहीं है.
यदि असामान्य आवृत्ति अथवा संख्या में वे झड़ने लगें तो अवश्य उसे समस्या अथवा किसी समस्या के लक्षण की श्रेणी में रख सकते हैं। यहाँ आपको बाल झड़ने के कारणों व निवारण सहित इस बारे में भ्रांतियों से अवगत कराने का प्रयास किया जायेगा.
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बाल झड़ने के प्रमुख कारण और निवारण (Bal jhadne ke kaaran aur upay)
1. हेलमेट साफ़ न होना : कई लोग बरसों-बरस हेल्मेट को साफ़ नहीं करते अथवा अन्य व्यक्तियों द्वारा प्रयोग किया हेलमेट बिना सावधानी पहन लेते हैं इससे उस व्यक्ति के बालों के संक्रामक बाल अथवा त्वचा रोग आपको भी हो जाने से बाल झड़ना शुरु हो सकता है अथवा अन्य त्वचा-समस्याएँ हो सकती हैं।
अपना हेलमेट अलग रखें जिसे समय-समय पर धूप में उल्टा रखा करें, समय-समय पर डेटाल अथवा अन्य अल्कोहलरहित सैनाईटाइज़र से धोयें, यदि किसी का हेलमेट प्रयोग करना ही पड़ रहा हो तो एक रुमाल अथवा अन्य कपड़ा अलग से साथ रखें जिसे सिर पर ओढ़कर उसके हेलमेट का प्रयोग करें तथा घर आकर उस कपड़े को अवश्य धो लें। इसी प्रकार तौलिया, तकिये का खोल इत्यादि भी स्वच्छ रखें।
2. लौह की कमी : देसी चने, भाजियाँ, गुड़ इत्यादि लौह-समृद्ध भोज्य पदार्थों का सेवन बढ़ायें, लौहे के बर्तनों (लौहे की कढ़ाही व तवे) का प्रयोग करें किन्तु ध्यान रहे कि आपको अतिलौहमयता न हो, अतिलौहमयता नामक विकृति में शरीर में लौह की अधिकता हो जाती है जो अपने आप में एक अवांछनीय स्थिति है।
3. प्रोटीन की कमी : वैसे साधारणतया प्रोटीन की कमी होती नहीं है, इस कारण बालों के झड़ने की समस्या तो और भी कम पायी जाती है परन्तु फिर भी चाहें तो मशरूम, सोयाबीन, दालें अपने आहार में बढ़ा सकते हैं क्योंकि बाल मुख्यतः प्रोटीन के बने होते हैं।
4. बुढ़ापा : बढ़ती उम्र में कई समस्याएँ वैसे ही शुरु हो ही जाती हैं एवं झुर्रियाँ भी पड़ने लगती हैं, मुक्तमूलकों (फ्ऱी रेडिकल्स) की मात्रा भी शरीर में बढ़ने लगती हैं जिससे त्वचा व बालों की पकड़ कमज़ोर पड़ने लगती है. इस प्रक्रिया को धीमा रखना हो तो एण्टिआक्सिडेण्ट्सयुक्त आहार का सेवन करें, जैसे कि दालचीनी, सौंठ, मुलहठी, जीरा, कालीमिर्च, अजवायन इत्यादि।
5. हार्मोनल परिवर्तन : किशोरावस्था में हार्मोनल बदलाव या फिर किसी दवाई ( जैसे कि कैन्सर अथवा ट्यूमर के मामले में कीमोथिरेपी ) के प्रभाव में भी बाल झड़ सकते हैं। कीमोथिरेपी में तो बाल गुच्छों में झड़ ही जाते हैं जिसके लिये चिंता की आवष्यकता नहीं क्योंकि बाल बाद में सामान्य कलेवर में वापस उग आयेंगे परन्तु यदि किसी मामले में कोई समस्या ठीक न हो रही हो तो हार्मोन-विशेषज्ञ एण्डोक्रायनोलाजिस्ट से सम्पर्क साधें।
6. विटामिन-ऐ सप्लिेमण्ट : कोई भी सप्लिमेण्ट बिना विशेषज्ञीय सलाह के न लें, वह भी अतिसीमित अवधि व मात्रा के ही लिये। ख़ासतौर पर विटामिन-ऐ का सप्लिमेण्ट ले रहे हों तो बाल झड़ सकते हैं।
7. आनुवंशिक कारण : यदि परिवार अथवा निकट के पूर्वजों में बाल झड़ने की समस्या रही हो तो बच्चों अथवा बच्चियों अथवा दोनों लिंगों में भविष्य में यह समस्या आ सकती है जिसके लिये बस यहाँ प्रदर्शित सावधानियों से स्थिति को कुछ नियन्त्रण में रखने के प्रयास किये जा सकते हैं एवं बाल-त्वचारोग विशेषज्ञ से मिला जा सकता है।
8. बाल झड़ने सहित कई त्वचारोग आँत, यकृत, आमाशय, पित्ताशय इत्यादि की समस्याओं के प्रभावस्वरूप भी हो सकते हैं, अतः सम्बन्धित रक्त-जाँचें कराकर विशेषज्ञ को दिखायें।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए क्या न करें ?
1. बाल झड़ते हों अथवा अन्य कोई शारीरिक समस्या उसके लिये मन से तथाकथित औषधियाँ न लेने लग जायें, यह समझना आवश्यक कि कई बार व्यक्ति ऐसा मान बैठता है कि अमुक पोषकों की कमी से यह समस्या है तो अमुक औषधियों से ठीक हो जायेगी परन्तु व्यक्ति बिना रक्त-जाँच कराये यह नहीं जान सकता कि उसमें वास्तव में उनकी कमी है भी कि नहीं !
कहीं ऐसा न हो कि किसी अन्य कारण से यह समस्या हो और आपमें उन पोषकों की मात्रा आवश्यकता से अधिक होने से कोई अन्य समस्या उपज जाये।
शरीर में सामान्य रक्तकोशिका-जाँचें, थायरायड व लौह-सम्बन्धी जाँचें कराकर देखी जा सकती हैं जिनसे एक और बालों सम्बन्धी समस्या की जड़ पता लग सकती है वहीं दूसरी ओर शरीर के भीतर अन्य रोग भी जानकारी में आ सकते हैं।
2. विज्ञापन देखकर अथवा किसी के कहने में आकर गर्म तैल अथवा अन्य कोई मिश्रण बालों में न लगायें, अन्यथा बालों की पकड़ और कमज़ोर हो सकती है।
3. घर बैठे कलरिंग, केमिकल स्ट्रेंथनिंग इत्यादि कार्यविधियाँ न आज़मायें, यहाँ तक कि यदि शैम्पू भी करते हैं तो उसके बाद कोई हर्बल तैल अवश्य लगा लें।
4. रासायनिक शैम्पू, तैल इत्यादि से दूर रहें, केवल हर्बल व रसायनरहित उत्पादों का प्रयोग करें।
5. यदि आप शाकाहारी हैं तो लेबल पर अवष्य जाँचें कि कहीं उसमें शहद अथवा अण्डा तो नहीं मिला।
6. बालों को बार-बार खींचने, उनमें अँगुलियाँ उलझाने की आदत हो अथवा किसी शैली में बारम्बार कँघी करते रहते हो तो ये सब छोड़ दें। बाल खुल के बढ़ें-पनपें इस दिषा में माँग बदलना व हेयरस्टाइल कँघी से बदलना सहायक हो सकता है।
7. बालों को एस्क्पेरिमेण्टेशन की दुकान न बनायें, कभी कुछ स्टाइल कापी किया, कभी कोई टेक्निक आज़मायी तो कभी पड़ौसन के कहने पर कोई दवाई चुपड़ ली ये सब न करें, उन्हें नैसर्गिक व खुले रूप में रहने दें. रसायनों व अजीब-अजीब हरकतों से यदि बाल चमकते दिख भी रहे हों तो उससे अच्छे तो बिना चमक के सामान्य बाल होते हैं।
8. धूम्रपान न करें, धूम्रपान करने वालों के समूचे शरीर में थोड़ी-बहुत सूजन रहती है जिससे बालों का झड़ना बढ़ सकता है।
9. बालों में सामान्य साबुन न लगायें क्योंकि साबुन से बालों व त्वचा के प्रोटीन्स को हानि पहुँचती है क्योंकि साबुनों में प्रोटिएज़ एन्ज़ाइम होता है जो प्रोटीन की पर्त हटा देता है तभी तो त्वचा उजली-सी लगने लगती है, बालों में लगाने पर यह काफ़ी हानिप्रद होता है एवं बालों में अत्यधिक रूखापन भी आ सकता है।
10. कँघी नियमित रूप से सर्फ़-साबुन से साफ़ करते रहें, अन्यथा ऐसा न हो कि आपही के सिर-बालों की गंदगी में हानिप्रद रोगप्रद पनप जायें, कँघी सदैव साफ़ व उजली दिखती हो।
11. बिना विशेषज्ञीय चिकित्सक के परामर्ष के कोई औषधि न खायें, अन्यथा विविध दुष्प्रभावों में बाल झड़ने की स्थिति भी सम्मिलित हो सकती है।
12. प्रतिदिन तैल इत्यादि की आदत न बनायें, सिर की त्वचा को प्रकृति से आक्सीजन सरलता से ग्रहण करने दें, सम्पूर्ण शरीर की त्वचा में स्थित सजीव कोशिकाएँ भी श्वसन करती रहती हैं।
भ्रांति : अमुक तैल लगाने से बाल ठीक से उगने लगेंगे !
खण्डन : वास्तव में कोई भी तैल केशमूल (सिर की गहराई जहाँ से बाल उगते हैं) तक पहुँच पाये इसकी सम्भावना कम ही रहती है क्योंकि त्वचा में इतनी अधिक गहराई में कुछ समा पाना कठिन होता है। इसलिये टी.वी. पर देख भ्रामक विज्ञापनों में न आयें।
भ्रांति : कुछ विटामिन्स व अन्य सप्लिमेण्ट्स लेने से बाल गहरे काले हो सकते हैं अथवा घने रूप में पनप सकते हैं !
खण्डन : जैसा कि शुरुआत में स्पष्ट किया जा चुका है कि बिना रक्त जाँचें यह पता नहीं किया जा सकता कि आपमें किस पोषक की कमी है, कुछ समय के लिये मान भी लें कि आपमें किसी पोषक की कमी निकली तो भी कृत्रिम सप्लिमेण्ट्स लेना जोख़िमपूर्ण ही रहेगा क्योंकि वे प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले पोषक तत्त्वों का स्थान नहीं ले सकते.
प्रत्येक रासायनिक व अन्य पदार्थों के दुष्प्रभाव पड़ते ही हैं, कई बार वही समस्या और बढ़ जाती है तो कई बार पेट अथवा पाचन अथवा अन्य से जुड़ी समस्याएँ पनप जाती हैं।
भ्रांति : टेस्टोस्टेरान बढ़ाकर बाल बढ़ाये जा सकते हैं !
खण्डन : वास्तव में विभिन्न मेल-फ़िमेल हार्मोन्स दोनों ही लिंगों में होते हैं, कुछ हार्मोन्स स्त्रियों में अधिक तो कुछ हार्मोन्स पुरुषों में अधिक।
टेस्टोस्टेरान की ही बात करें तो इसकी कमी भी बाल झड़ने का एक कारण हो सकती है और इसकी अधिकता भी; अधिकता से तो और भी कई पुरुष-समस्याएँ पैदा हो सकती हैं इसलिये केवल बाल झड़ने को आधार बनाकर हार्मोन बढ़ाने का प्रयास न करें।
वैसे भी हार्मोन्स नैसर्गिक रूप में ही पर्याप्त रहते हैं, कोई अन्य गम्भीर चिकित्सात्मक समस्या हो तो ही हार्मोनल स्तर घटाने-बढ़ाने के विषय में सोच सकता है. वह भी केवल अंतःस्राविकीविद् (हार्मोन-विशेषज्ञ)।
भ्रांति : सिर में रक्त-संचार ठीक न होने से अथवा डैण्ड्रफ़ से बाल झड़ सकते हैं !
खण्डन : ऐसा कोई प्रामाणिक उदाहरण नज़र नहीं आया फिर भी थकान अथवा सिर दर्द दूर करने अथवा ‘अच्छी अनुभूति’ के लिये हल्के हाथों से सिर की त्वचा को हर्बल तैल से मालिश की जा सकती है।
एक विनती – दोस्तों, आपको यह आर्टिकल बालों का झड़ना कैसे रोकें 25 तरीके (Home Remedies For Stop Hair Fall Treatment In Hindi) कैसे लगा.. हमें कमेंट जरुर करे. इस अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरुर करे.