अनियमित पीरियड्स के घरेलू नुस्खे (हिंदी) Home remedies for Irregular periods in Hindi
Home remedies for Irregular periods in Hindi
अनियमित पीरियड्स क्या होते है? अनियमित पीरियड्स के घरेलू नुस्खे क्या है ? अनियमित पीरियड्स महिलाओं में होने वाली सामान्य समस्या है। कई बार यह प्रॉब्लम सामान्य होती है और थोड़ी-बहुत सावधानी और उपचार से ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिले है। इसलिए अनियमित पीरियड्स को नजरअंदाज करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
आमतौर पर लड़कियों में 10 से 15 साल की आयु में पीरियड्स होना शुरू हो जाते है। यह चक्र महीने में एक बार होता है और 4 से 5 दिन तक चलता है। सामान्य पीरियड्स की अवधि 21 से 35 दिन तक की होती है। यानी 21 दिन से पहले पीरियड्स का आना जल्दी और 35 दिन के बाद पीरियड्स को देरी से आना कहा जाता है।
पीरियड्स एक ऐसा विषय है, जिस पर महिलाएं खुल कर बात नहीं करती है। लड़कियों में जब परिपक्वता आती है, तो उनके शरीर में कई तरह के हार्मोन बनते है, इन्हीं हार्मोन के कारण स्त्री में कई शारीरिक बदलाव आते है, जैसे ; ब्रेस्ट का विकास होना, अंदरूनी अंगों का विकास होना, निजी अंगों पर बालों का आना और उसकी लम्बाई में वृद्धि होना इत्यादि।
आप इस बार पर भी ध्यान दे सकती है कि हार्मोन बदलने के कारण आपके वर्जनो क्षेत्र में बहाव होना शुरू हो जाता है। गलत खान पान और खराब जीवनशैली के कारण अनियमित पीरियड्स की समस्या उत्पन्न हो जाती है। आपको जल्द से जल्द इसका इलाज करना चाहिए।
आज इस पोस्ट में हम अनियमित पीरियड्स के घरेलू नुस्खों के बारे में बात करेंगे और आपको बताएंगे कि Irregular periods क्या होते है? अनियमित पीरियड्स आने के कारण क्या है? अनियमित पीरियड्स का इलाज, इत्यादि जानकारी आज इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुंचाएंगे, तो आइए बिना समय बर्बाद किए शुरू करते है, अनियमित पीरियड्स के घरेलू नुस्खे.
Home remedies for Irregular periods in Hindi
1. अनियमित पीरियड्स क्या होते है ? [What is Irregular periods]
2. अनियमित पीरियड्स आने के कारण क्या है? [Causes of irregular periods]
3. अनियमित पीरियड्स के असरदार घरेलू नुस्खे [Home remedies for Irregular periods]
1. चुकंदर और गाजर का जूस [Beet and Carrot Juice]
2. लौकी का जूस [Gourd juice]
3. गेहूं के ज्वार या घास का जूस [Wheat grass Juice]
4. तिल, सोंठ और गुड़ का मिश्रण [Mixture of Sesame, dry ginger and jaggery]
5. दालचीनी [Cinnamon]
4. अनियमित पीरियड्स में आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? [When should you go to the doctor for irregular periods]
अनियमित पीरियड्स क्या होते है ? [What is Irregular periods]
अनियमित पीरियड्स का अर्थ होता है, पीरियड की अवधि में बदलाव आना। यानी पीरियड्स का एक महीने में एक से ज्यादा बार आना या फिर 2 से 3 महीनों में एक बार आना, इस स्थिति को पीरियड्स में अनियमितता कहा जाता है।
सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि सामान्य पीरियड्स क्या होते है ? तभी आप अनियमित या असामान्य पीरियड्स को अच्छे से समझ पाएंगी। पीरियड्स महिलाओं में 21 से 35 दिन के बीच कभी-भी आ सकता है। अगर हम औसत माने तो 28 दिन में महिलाओं को पीरियड्स आ जाते है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आपको 28 दिन में पीरियड्स आए, आपका पीरियड्स 28 दिन से 7 दिन पहले और 7 दिन बाद कभी भी आ सकता है। यह आपके शरीर की बनावट और खानपान पर निर्भर करता है।
इसके अलावा पीरियड्स में रक्तस्राव (Bleeding) का बहाव 2 दिन से लेकर 8 दिन तक कहीं भी हो सकता है। अगर बहाव कम और ज्यादा होता है, तो यह एक समस्या का कारण हो सकता है। अनियमित पीरियड्स को आप बिल्कुल इसके विपरीत कह सकते है। अगर पहले आपकी पीरियड्स अवधि 21 दिन से 35 दिन के मध्य थी और अब वह पहले या बाद में आ रही है, तो इसे अनियमित पीरियड्स कहेंगे।
इसके अलावा अब रक्तस्राव (Bleeding) की समयावधि भी बदल गई है। पहले आपको 5 या 4 दिन पीरियड्स आते थे और अब वह बहुत कम हो गया है। यानी अब आपको पीरियड्स केवल 1 दिन या 2 दिन तक आता है या फिर आपको 8 दिन से ज्यादा आता है। अगर आपको पीरियड्स में यह बदलाव दिखते है, तो यह अनियमित पीरियड्स होता है।
अनियमित पीरियड्स आने के कारण क्या है ? [Causes of irregular periods]
अनियमित पीरियड्स आने का कारण आपके हार्मोन में असंतुलन हो सकता है। एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen Hormone) और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन (progesterone Hormone) पीरियड्स को नियंत्रित करने के मुख्य हार्मोन होते है। इन हार्मोन की मात्रा असंतुलित होने पर पीरियड्स में बदलाव आते है। इनमें सबसे कॉमन होता है कि लड़कियों को शुरू में पीरियड्स आने के 2 से 3 साल बाद पीरियड्स में अनियमितता आ जाती है।
ऐसे ही अगर आपकी उम्र हो गई है और महीना बंद होने के 2 से 3 साल पहले, जिसे पेरिमेनोपॉज (Peri menopause) कहते है, उस समय पीरियड्स में अनियमितता होती है। इसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन मुख्य भूमिका निभाते है और यह सामान्य है।
तनाव लेने के कारण भी पीरियड्स में अनियमितता आ जाती है। तनाव लेने से हार्मोन पर बुरा असर पड़ता है, जिसकी वजह से 2 पीरियड्स के मध्य का अंतराल (Gape) बढ़ जाता है। हमारे दिमाग का एक हिस्सा, जिसे हाइपोथैलेमस (hypothalamus) कहा जाता है, यह पीरियड्स को नियंत्रित करने का काम करता है। स्ट्रेस की वजह से हाइपोथैलेमस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे महिलाओं का वजन काफी तेजी से बढ़ता है।
आमतौर पर प्रेगनेंसी में पीरियड्स नहीं आते है, लेकिन कभी-कभी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के चलते पीरियड्स पूरे 9 महीने आते रहते है। लेकिन वो पीरियड्स अनियमित होते है। यानी समय से नहीं आते है, रक्तस्राव (Bleeding) कम रहता है। इसलिए प्रेगनेंसी भी अनियमित पीरियड्स का एक कारण हो सकता है।
अगर आप बहुत ज्यादा वजन बढ़ा लेते है या फिर बहुत ज्यादा वजन घट जाता है, तो भी आपके पीरियड्स में बदलाव आ जाता है। ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण आपके पीरियड्स पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए कम व हेल्दी एक्सरसाइज करें और अपने वजन को नियंत्रित रखें।
अनियमित पीरियड्स का एक कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) भी है। ये एक डॉक्टरी प्रॉब्लम है, जिससे ज्यादा वजन वाली महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है। इससे सुगर, बच्चेदानी में प्रॉब्लम और हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती है। यह ऐसी बीमारी होती है, जिसमे सेक्स हार्मोन संतुलित नहीं रहते है, जिसके कारण ओवरी में सिस्ट या छोटी फोडिया हो जाती है। यह सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा रचनाएँ होती है, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है। ये ओवरी में जमा हो जाती है। इसके कारण अनियमित पीरियड्स की समस्या होने लगती है।
जिन महिलाओं को थायराइड रोग होता है, उन्हें भी अनियमित पीरियड्स की शिकायत रहती है। अगर आपको थायराइड है, तो समय-समय पर आपको इसकी जांच करवानी चाहिए और इसे ठीक करने के लिए इलाज भी कराना चाहिए। अक्सर कुछ महिला खिलाड़ी और डांसर लड़कियां अपनी परफॉर्मेंस और स्टेमिना बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा प्रैक्टिस करती है, जिसका सीधा असर उनके एस्ट्रोजन हार्मोन पर पड़ता है, जिससे पीरियड्स देरी से होने की समस्या आने लगती है। इसके लिए आप एक अच्छी डाइट लेकर और कुछ दिन आराम करके अपने पीरियड्स को सामान्य कर सकती है।
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) के कारण भी अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। PID महिलाओं के प्रजनन अंगो का संक्रमण है। इससे गर्भाशय, अंडवाहिका ट्यूब और अंडाशय में संक्रमण और सूजन आ जाती है। इस बीमारी से इसमें से कोई एक या फिर सभी अंग प्रभावित हो सकते है।
अनियमित पीरियड्स के घरेलू नुस्खे [Home remedies for Irregular periods]
प्रकृति ने महिलाओं की संरचना आकर्षक और विचित्र दोनों तरीकों से की है। शारीरिक सहनशीलता के मामलों में महिलाएं हमेशा आगे रहती है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव होते है। शरीर में बदलते हार्मोन के कारण महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, Irregular periods भी उन समस्याओं में से एक है।
अनियमित पीरियड्स क्या होते है और अनियमित पीरियड्स आने के कारण क्या है? यह तो हमने जान लिया है, आगे इस पोस्ट में हम अनियमित पीरियड्स के असरदार घरेलू नुस्खों के बारे में जानेंगे, तो आइए शुरू करते है..
1. चुकंदर और गाजर का जूस [Beet and Carrot Juice]
चुकंदर और गाजर को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका जूस बना ले और रोज सुबह पिएं। यह आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है और इसके अंदर प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो अनियमित पीरियड्स के लिए सबसे ज्यादा असरदार है। अगर आपको समय पर पीरियड्स नहीं आते है या कम रक्तस्राव होता है, तो इसका सेवन जरूर करें।
2. लौकी का जूस [Gourd juice]
आप रोज़ सुबह खाली पेट लौकी का जूस पी सकते है। अगर आपको पीरियड्स के दौरान ज्यादा रक्तस्राव होता है या फिर आपको जल्दी पीरियड्स आते है, तो इसके लिए लौकी का जूस बहुत असरदार है।
3. गेहूं के ज्वार का जूस [Wheat grass Juice]
कई बार जो लोग ज्यादा जंक फूड या ज्यादा दवाइयां का सेवन करते है या फिर जो लोग कंडोम सेप्टिक पिल्स ज्यादा उपयोग करते है, उन्हें भी कई बार अनियमित पीरियड्स की समस्या हो जाती है। इसके लिए जरूरी है कि आपके शरीर में जंक फूड और दवाइयों के प्रभाव को निकाला जाए और शरीर को डिटॉक्स किया जाए। इसके लिए सबसे ज्यादा असरदार होता है, Wheat grass Juice यानी गेहूं के ज्वार का रस। अगर आप चाहे तो इसे घर पर भी उगा सकते है, या फिर आप बाजार या ऑनलाइन से भी खरीद सकते है। गेहूं के ज्वार का रस और मानव रुधिर का PH लेवल 7.4 होता है।
इसके जूस को रोजाना सुबह खाली पेट पीना है, और इसके सेवन से 1 घंटे पहले और 1 घंटे बाद किसी भी चीज का सेवन नहीं करना है। अगर आप 1 महीने भी इसका सेवन करती है, तो इससे हार्मोन असंतुलन की समस्या खत्म हो जाएगी और पीरियड भी नियमित और सही रूप से आएंगे।
4. तिल, सोंठ और गुड़ का मिश्रण [Mixture of Sesame, dry ginger and jaggery]
इस नुस्खे को बनाने के लिए आपको तिल, सोंठ और गुड़ की आवश्यकता होगी। इसके मिश्रण के लिए आधे चम्मच तिल में आधा चम्मच सोंठ को मिलाएं और फिर उसमें 1 चम्मच गुड़ को मिलाकर तीनों को अच्छी तरह मिक्स कर ले। आपको इसे 1 गिलास पानी में डालकर गर्म करना है, और तब तक गर्म करना है, जब तक पानी आधा ना हो जाए। इसके बाद इसे छानकर ठंडा करके रोजाना सुबह-शाम पीना है। इसके नियमित सेवन से पीरियड्स से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाएगी।
5. दालचीनी [Cinnamon]
दालचीनी का प्रयोग अनियमित पीरियड्स को ठीक करने में लाभदायक होता है। दालचीनी से सेवन से शरीर में हार्मोन नियंत्रित रहते है और अजब शरीर में हार्मोन संतुलित रहेंगे, तो पीरियड्स भी समय पर ही आएंगे। इसके लिए आप दालचीनी की चाय या फिर दालचीनी का पानी पी सकते है। इसे बनाने के लिए आपको 1 गिलास गुनगुना पानी लेना है।
इसमें आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर मिला कर 1 से 2 मिनट छोड़ देना है, जिससे पानी में दालचीनी घुल जाए। इसके बाद इसे छानकर पी लेना है। अगर आपको देर से पीरियड्स आने की शिकायत रहती है, तो आपको दालचीनी का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आप अदरक का रस, पपीता, मौसमी, कीवी और कुछ योगासन जैसे, धनुरासन, सर्वांगासन, सूर्य नमस्कार और वृजआसन इत्यादि कर सकते है।
अनियमित पीरियड्स में आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? [When should you go to the doctor for irregular periods]
अगर आपके पीरियड्स काफी समय से देरी से आ रहे है या फिर आपको अनियमितता के लक्षण काफी दिनों से दिखाई दे रहे है, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
● जब आपको पीरियड्स आए हुए 90 दिन यानी 3 महीने या उससे ऊपर हो जाए ।
● जब आपको पीरियड्स 21 से पहले आए।
● जब रक्त का बाहव कम या बहुत ज्यादा हो।
● जब आपको अत्यधिक पीड़ा होने।
ऐसे लक्षण होने पर आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
इस पोस्ट में दी गई जानकारी और इलाज के तरीके आयुर्वेदिक है, इनसे किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। फिर भी इन्हें अमल में लाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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