सिर में जुएँ पड़ने पर उपचार व बचाव Head lice Prevention Treatment In Hindi
Head lice Prevention Treatment In Hindi
सिर के बालों के जुएँ (Lice) जन्तुवैज्ञानिक नाम पेडिक्युलस ह्युमेनुस केपिटिस (pedicure humanus capitis) वास्तव में छोटे-से पंखविहीन परजीवी कीट होते हैं जो धूल अथवा डैंड्रफ़ (Dandruff) जैसे दिख सकते हैं। ये सरलता से दूसरों के सिर में फैल जाते हैं एवं इनका पाया जाना कोई बड़ी बात नहीं है।
घबराना उतना आवश्यक भी नहीं ! क्योंकि ये किसी चिकित्सात्मक स्थिति अथवा सफ़ाई में कमी या किसी रोग के सूचक प्रायः नहीं होते। प्रायः ये ख़तरनाक नहीं होते, न ही किसी रोग का प्रसार करते हैं।
सिर की त्वचा पर हो सकने वाले घाव भी खुजलाने से हो सकते हैं, न कि जुओं (Juo) के कारण। शरीर की ग्रंथियों में सूजन अथवा नेत्रों में लालिमा सम्भव, यदि ऐसा है तो जुओं (Lice) को हटाना आवश्यक हो सकता है।
Head lice Prevention Treatment In Hindi

जुएँ का जीवनचक्र –
ये अण्डे देते हैं। वयस्कों के सिर के जुएँ (Lice) लगभग चार सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं। ये सिर के बाहर भी 1-2 दिन तक रह सकते हैं। मादा जुआँ शारीरिक आकार में बड़ी दिखती है एवं प्रतिदिन औसतन 8 अण्डे दे सकती है।
अण्डों से 6 से 9 दिनों में बच्चे निकल आते हैं जो नौ से बारह दिनों में परिपक्व हो जाते हैं। गहरे रंग के बालों में पलने वाले जुएँ गहरे दिख सकते हैं। जुओं द्वारा रक्तपान किया जाता है, ये सिर में अपनी लार प्रवेश कराते हैं ताकि खून न जमे।
इस कारण मनुष्यों को एलर्जिक अथवा खुजली की अनुभूति हो सकती है अथवा इनके चलने से हल्की-सी गुदगुदी-सी मच सकती है व नींद लगने में कुछ देर सम्भव। पतले घने दाँतरों वाली कँघी में जुओं की उपस्थिति देखी जा सकती है। प्रभावित भाग को खुरचने खुजाने से त्वचा में द्वितीयक जीवाणिक संक्रमण हो सकता है।
ये कीट पलकों अथवा भौहों पर कम ही दिखते हैं। ये कूद नहीं सकते, न ही उड़ सकते हैं परन्तु नौ इन्च प्रति मिनट की रफ़्तार से बालों के बीच घूम सकते हैं। इन्हें देखना इसलिये भी कठिन लग सकता है क्योंकि ये उजाले में छुप जाते हैं व अँधकार (Darkness) में ही पर्याप्त सक्रिय होते हैं।
ये पालतु पशुओं के माध्यम से नहीं फैलते। कुछ लोगों को भ्रम हो सकता है कि स्विमिंग पूल (Swimming pool) अथवा पानी में उतरने के अन्य केन्द्रों में जाने से जुएँ (Lice) निकल जायेंगे.
परन्तु वास्तविकताएँ ये हैं कि पानी में आपके उतरते ही ये आपको बालों को कसकर पकड़ लेते हैं तथा स्विमिंग पूल के क्लोरीन (Clorine) का भी इन पर असर नहीं होता तथा यदि किसी को जुएँ (Jue) हुए तो उसके सिर से कुछ अण्डे बहकर आपके सिर में अवश्य आ सकते हैं। वैसे मादा एक चिपचिपे पदार्थ से अण्डों को त्वचा के पास बालों में संलग्न कर देती है।
जुएँ से उपचार एवं बचाव का तरीके –
1. गीले बालों पर घने दाँतरों वाली कँघी करने से जुएँ व इनके अण्डे (Egg) कुछ सीमा तक निकल आते हैं। ऐसी कँघी से पूरे सिर की कँघी ठीक से करें कि कोई भाग न छूटे तथा कँघी बालों की पूरी लम्बाई तक खींचकर जुओं को बहते पानी में बहाते रहें।
2. यदि जुओं के कारण शरीर के भीतर कोई समस्या उत्पन्न हो रही हो या जुएँ (Lice) मिट न रहे हों तो स्वयं औषधियाँ न लेते हुए सीधे Doctor से मिलें तथा उसके द्वारा लिखी दवाई पूरी अवधि तक निश्चित मात्रा में सेवन करें.
कई बार ऐसा देखा गया है कि दवाओं से कई जुओं में प्रतिरोध विकसित हो जाता है जिससे वे जीवित बने रहते हैं अथवा बाद में फिर से पनप जाते हैं।
दूसरों से सुनकर अथवा मन से एक्स्पेरिमेण्ट करना नुकसानदेह हो सकता है, जैसे कि कई एंटीबैक्टीरियल साबुनों, Toothpest, Body Wash व कुछ Cosmetic में ट्रिक्लोसेन होता है जिससे त्वचा में सूजन आ सकती है तथा ट्रिक्लोसेन के कारण बैक्टीरिया में Antibiotic से प्रतिरोध भी विकसित हो सकता है।
इसी के साथ कुछ दिन भी ट्रिक्लोसेन के प्रयोग से थायरायड हार्मोन (Thyride Harmone) स्तर घटने की आशंका जतायी गयी है। वैसे कोई भी औषधि जुएँ (Lice) हटाने में 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं पायी गयी है, यदि प्रभाव बढ़ाने का प्रयास किया जाता है तो त्वचा व नेत्रादि को हानि पहुँचने की आशंका भी बढ़ जाती है.
3-4, 3-4 दिन में बालों को देखते हुए हाथों से जुएँ निकलवाना एक मात्र प्रभावी व सरल उपाय है, इसे ‘बन्दरों की बिरादरी’ का तरीका समझकर नकारें नहीं। पशुओं से बहुत कुछ सीखा जा सकता है जो नैसर्गिक रूप से अपनी समस्याओं के हल ढूँढ लेते हैं।
3. चाय की पत्ती अथवा सौंफ़ को अया नीलगिरि के पेड़ के पत्तों को पानी में उबालकर इस उबले पानी को पूरे सिर में लगाने से अण्डे सहित जुएँ दूर करने में सरलता हो सकती है।
एक अनुसंधान में सौंफ़ (मोटी) को नारियल तैल में मिलाकर लगाना भी प्रभावी पाया गया। नारियल-तैल (Coconut Oil) के स्थान पर जैतूल का तैल भी प्रयोग किया जा सकता है।
4. नहाने के पानी में नीलगिरि अथवा नीम की पत्तियाँ मिलाकर उबालें एवं सामान्य ताप पर आने पर उससे नहायें।
5. सिर पर प्रयोग की जाने वाली सामग्रियों (जैसे कँघी, टोपी, मास्क इत्यादि) को धोने के बाद तेज नीलगिरि अथवा नीम के उबले पानी में निकालकर सुखाकर उपयोग में लायें।
6. पानी अथवा तैल में उबालकर लगाने में दालचीनी, अजवायन, पुदीना, लौंग, जायफल, तुलसी, लहसुन, प्याज आज़मा सकते हैं अथवा पुदीना, लहसुन (Garlic) अथवा प्याज (Onion) का रस निकालकर उसे पानी अथवा तैल के साथ लगा सकते हैं।
7. हर्बल हेयर आइल (Herbal Hair Oil) व जड़ी-बूटियों से बने शैम्पू (Shampoo) ही उपयोग में लायें, जुओं को दूर करने के लिये कपूर इत्यादि मिले उत्पाद और अच्छे रहेंगे।
8. Helmet व दूसरों की कँघी प्रयोग करते समय उचित सावधानियाँ बरते तथा जुएँ भगाने के प्रयासों के दौरान बिस्तर, चद्दर आदि की नित्य साफ़-सफ़ाई जरूरी है ताकि जुएँ अथवा उनके अण्डे वापस सिर में न आ सकें।
जुएँ दूर होने तक अपने Towel व Hair band का प्रयोग दूसरों को न करने दें। कँघी हर बार धोकर प्रयोग करें ताकि कल जिस कँघी से बाल ऊँछे थे उसमें दूसरे के अथवा अपने सिर के जुएँ वापस न आ जायें।
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तो ये थी हमारी पोस्ट सिर में जुएँ पड़ने पर उपचार व बचाव, head lice Prevention Treatment In Hindi, Jue Se bachav Ke Tarike. आशा करते हैं की आपको पोस्ट पसंद आई होगी और Juo Se Bachav की पूरी जानकारी आपको मिल गयी होगी. Thanks For Giving Your Valueble Time.
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