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सर्वाइकल दर्द के लक्षण कारण और पूरा उपचार Cervical Pain Causes Symptoms Treatment in Hindi
Cervical Pain Causes Symptoms Treatment in Hindi
सर्वाइकल दर्द जिसे लोग सामान्य रूप से गर्दन का दर्द मानते हैं। यह दर्द बढ़ती उम्र (40 वर्ष से ऊपर) में होता हैं। लेकिन आज के समय की खराब दिनचर्या के कारण यह दर्द लगभग सभी लोगों को हो रहा हैं। विकास की इस तेज दौड़ में प्रत्येक इंसान दौड़ रहा हैं क्योंकि लगभग सभी का लक्ष्य पैसा बन चुका हैं।
अधिक तनाव युक्त जिंदगी, मोटापा, उठने-बैठने और खानें का गलत तरीका, बढ़ती उम्र आदि सर्वाइकल दर्द का कारण हैं। इस आर्टिकल में आपको सर्वाइकल दर्द (गर्दन का दर्द) की पूरी जानकारी दी जाएगी। अत: आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें।
सर्वाइकल दर्द (गर्दन का दर्द) क्या है ?
सर्वाइकल दर्द सर्वाइकल डिस्क में बदलाव के कारण उत्पन्न होता हैं। यह सर्वाइकल डिस्क गर्दन की हड्डियां, स्नायुबंधन और मांसपेशियां से संबंधित होती हैं। इसका मुख्य दर्द गर्दन में होता है क्योंकि गर्दन सिर को इधर-उधर घुमने की आजादी देता हैं। अधिकतर लोग सर्वाइकल दर्द को गर्दन का दर्द मानकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह हानिकारक हैं। इस दर्द को सर्वाइकल स्पोंडोलाइसिस कहते हैं।
Cervical Pain Causes Symptoms Treatment in Hindi

Cervical pain क्यों होता है ?
- अधिक समय तक गर्दन का उपयोग करना,
- कमर / गर्दन में बाह्य चोट लगने से,
- यह दर्द मुख्यत: हर्नियेटेड डिस्क (रीढ़ की दो हड्डीयों के बीच में खिंचाव) से पीड़ित व्यक्तियों में
- सोने, चलने-फिरने का गलत तरीका
- तनाव से भरी जिदगी के कारण आदि।
सर्वाइकल दर्द का मुख्य कारण :
रीढ़ की हड्डियों के 32 वर्टिब्रा में से पहले के सात वर्टिब्रा को सर्वाइकल वर्टिब्रा कहा जाता हैं। इसमें तंत्रिका समूह होता हैं जो मस्तिष्क को संदेश भेजता है। उम्र बढ़ने के साथ सर्वाइकल क्षेत्र की वर्टिब्रा प्रभावित होती हैं और उनके बीच का कुशन घिस जाता हैं। परिणामस्वरूप वर्टिब्रा घिसकर नुकिला हो जाता हैं। जो दर्द को उत्पन्न करता हैं। इस दर्द को सर्वाइकल स्पोंडोलाइसिस कहते हैं।
यह दर्द मोटापे, अधिक तनाव, बुढ़ापे, खाने-पीने तथा उठने-बैठने के गलत तरिके के कारण होता हैं। यह दर्द हड्डियों में क्रेक या बाह्य दबाव के कारण भी हो सकता है क्योंकि रीढ़ की गतिशीलता में रूकावट आ जाती हैं।
दर्द कब बढ़ता हैं – अधिक चलने, फिरने, बैठने तथा जोर से हंसने, खांसने और फिर गर्दन को अधिक मोड़ने से दर्द बढ़ता हैं।
सर्वाइकल के दर्द के लक्षण (Symptoms of cervical pain in Hindi)
इसके प्रमुख 5 लक्षण हैं, जिनकी मदद से सर्वाइकल दर्द को पहचान सकते हैं।
1. शरीर के बांए हाथ एवं पैर में सूजन या कमजोरी
2. चलने-फिरने में समस्या का होना
3. पैर, बांह तथा गर्दन की मांसपेशियों में दर्द
4. मूत्राश्य और आंत के कार्य में अनियमितता
5. गर्दन में असहनीय दर्द आदि।
Cervical pain से क्या हो सकता हैं
इस गंभीर दर्द को ज्यादातर लोग गर्दन का सामान्य दर्द समझकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह आगे जाकर गंभीर समस्या बन सकता हैं और हो सकता है कि दर्द लाइलाज बन जाये।
इसके निम्न खतरे हैं –
1. सर्वाइकल का सही समय पर इलाज न होने पर गर्दन में असहनीय दर्द उत्पन्न हो जाता हैं।
2. लम्बी सर्वाइकल समस्या के कारण शारीरिक शक्ति कम हो जाती हैं। और शरीर पहले की तरह काम नहीं कर पाता हैं।
3. इससे पीड़ित व्यक्ति की गर्दन अकड़ जाती हैं। वे आसानी से गर्दन नहीं हिला पाते हैं।
4. पीड़ित व्यक्ति को बैचेनी महसूस होती हैं।
सर्वाइकल दर्द (सर्वाइकल स्पोंडोलाइसिस रोग) का ईलाज / उपाय
ज्यादातर लोग यहीं समझते है कि सर्वाइकल का कोई ईलाज नहीं हैं। लेकिन इसका भी 95% तथा 100 कारगर इलाज हैं। यह इलाज निम्न प्रकार हैं :
1. होम्योपैथिक उपाय-
यह इलाज प्राचीन तरिकों का फल हैं। हालांकि यह लम्बे समय तक चलते हैं। लेकिन यह सबसे ज्यादाकारगर हैं तथा यह प्राकृतिक रूप से सर्वाइकल दर्द को खत्म करता है। साथ ही इस इलाज में दुष्प्रभाव की संभावना बहुत कम होती हैं।
सर्वाइकल होम्योपैथिक दवा – बेलाडोना (सामान्य नाम- डेडली नाइटशेड), सिमिकिफुगा रेसमोसा (सा. नाम- ब्लैक स्नेक रूट), कोनियम मैक्यूलेटम (सा. नाम- पॉइजन हेमलॉक), जेल्सेमियम सेपरविरेंस (सा. नाम- येलो जैस्मिन), गुआजैकम ऑफिसिनेल (सा. नाम- रेजिन ऑफ लिग्नम वाइटे), हाइपेरिकम पर्फोराटम (सा. नाम- सेंट जॉन-वॉर्ट), जगलैंस सिनेरिया (सा. नाम- बटरनट), रस टॉक्सीकोडेंड्रम (सा. नाम- पॉइजन आईवी) आदि हैं। होम्योपैथी दवाएं दर्द के साथ अंतर्निहित कारण को भी पूरी तरह समाप्त करता हैं। अत: आप होम्योपैथिक उपचार करवा सकते है।
2. आयुर्वेदिक इलाज-
यह भी भारत का पुरातन इलाज है। जिसमें जड़ी – बुटियों का उपयोग किया जाता हैं तथा प्राकृतिक रूप से अच्छा इलाज किया जाता हैं। इस पर लोगों का अच्छा विश्वास हैं। यह इलाज अच्छा और ज्यादा परिणाम भी देता हैं।
3. योगा के द्वारा –
यह भी पुरातन समय का अच्छा उपचार हैं। इसकी सहायता से आप अपने शरीर को काफी हद तक दर्द की बीमारियों से दूर रख सकते हैं। यह भी एक प्राकृतिक तरीका हैं। जो काफी मददगार हैं। सर्वाइकल से पीड़ित व्यक्ति आराम के लिए सूर्यनमस्कार, भुजंगासन, व्रकासन आदि का उपयोग कर सकते हैं। व्यायाम के लिए आप गुगल का सहारा ले सकते हैं।
4. फीजियोथेरैपी के द्वारा-
यह सर्वाइकल दर्द से आराम के लिए अच्छा तरीका हैं। इस उपचार में आपके शरीर की मालिश की जाती हैं। और आपके शरीर के की हड्डियों की अकड़न को कम किया जाता हैं। फिजियोथेरेपी के द्वारा शरीर में गर्माहट पैदा की जाती हैं। जिससे दर्द कम होता हैं। कई बार सर्वाइकल दर्द हड्डियों में क्रेक के कारण भी उत्पन्न होता हैं। जिन्हे फीजियोथेरेपी से ठिक किया जा सकता हैं।
5. घरेलु उपचार –
लहसुन – यह औषधीय गुणों से भरपुर होता हैं। जो दर्द, सूजन और जलन को कम करता हैं। इसके लिए लहसुन को सरसों के तेल में जलाकर पकाएं तथा तेल को अलग कर लें। अब पके हुए लहसुन को खा लें तथा तेल से दर्द वाले स्थान पर मालिश करें।
तिल – तिल के तेल को गुनगुना करके प्रत्येक दिन दो बार मालिश करें। तथा भुने तिलों को गुड़ की चाशनी में मिलाकर लड्डू के रूप में खाएं।
हल्दी – यह एक प्राकृतिक दर्द किलर दवा हैं। इसका सेवन दूध के साथ किया जाता हैं। यह आपके खून के सर्कुलेशन को तेज करता हैं। तथा अकड़न को भी कम करता हैं।
सिकाई – दर्द का कारण सूजन भी होता हैं। जिसे एक लीटर पानी में नमक मिलाकर उबाले लें। इसके बाद गुनगुना करके बोतल में भरकर सिकाई करें।
6. शल्य उपचार-
उपरोक्त उपचार के अलावा एक अन्य शल्य उपचार हैं। जो इस दर्द को हमेशा के लिए खत्म कर सकता हैं। इस एकमात्र विकल्प का नाम स्पाइन सर्जरी है। डॉक्टरों का मानना है कि सर्वाइकल दर्द से सम्पूर्ण निजात पाने का सबसे सही तरीका स्पाइन सर्जरी है। जिसमें रीढ़ की उस हड्डी को निकाल दिया जाता हैं। जिसके कारण सर्वाइकल दर्द हो रहा हैं। हालांकि इसकी कीमत (2.5 लाख रूपयें) ज्यादा हैं। इसी कारण ज्यादातर लोगों यह उपचार नहीं करवा पाते हैं। लेकिन आप वर्तमान में शरीर का ध्यान रखकर इस दर्द से बचा सकते है।
सर्वाइकल दर्द से बचाव क्या है ? (What is precautions of Cervical pain in Hindi)
सर्वाइकल दर्द से पहले ही इससे बचा जा सकता हैं। इसके लिए हमें अपनी जीवन शैली को व्यवस्थित करना होगा।
1. सोने, चलने-फिरने के ढंग को सुधारें।
2. सही खाद्य पदर्थों का सेवन करें। जो आपके हड्डियों को मजबुत करें।
3. नियमित व्यायाम करें।
4. शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करें।
5. गर्दन में होने वाले हल्के दर्द को नजरअंदान न करें। मतलब डॉक्टर की सलाह ले या फिर अच्छे गर्म तेल की मालिस करें।
6. घऱेलु नुस्खो की सहायता से भी सामान्य दर्द को समाप्त कर सकते हैं। जैसे गर्म कपड़े या बर्फ से उपचार करें।
इस पोस्ट में हमने आपको सर्वाइकल को हमेशा के लिए खत्म करने का तरीका, Cervical Pain Causes Symptoms Treatment in Hindi आदि बातों की जानकारी दी है। इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपको कैसी लगी? Comment करके जरूर बताएं और इस पोस्ट (Cervical Pain Causes Symptoms Treatment in Hindi) को Social media के माध्यम से अपने दोस्तों के साथ Share जरूर करे।
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