Contents
पालक से होने वाले 12 बेहतरीन फायदे 12 Benefits Of Spinach Palak In Hindi
12 Benefits Of Spinach Palak In Hindi
सीमित कैलोरी में खनिजों व विटामिन्स सहित अन्य पोषक तत्त्वों की खदान पालक अपनी बड़ी व गहरी हरी पत्तियों से अलग भी दिख जाती है।
मोटापे में भी डरना आवश्यक नहीं अतः पालक (Spinach) खाते समय तोंद इत्यादि की चिंता क्यों करें क्योंकि पालक की कैलौरी मुख्यतः इसके कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन (Protine) से मिलती है, न कि वसा से। अतः पालक खाये जाओ (Palak Khaye Jaao), बिना मुटियाये छरहरा बदन पाये जाओ !
चमकती त्वचा व बालों की चाहत हो अथवा मजबूत हड्डियों की चाह, पालक के प्रोटीन व लौह से ये इच्छाएँ भी पूर्ण की जा सकती हैं, इस बार पालक के गुणों की विवरण-यात्रा पर चलते हैं जिसके बाद आप पालक (Spinach) देखकर नाक-भौं सिकौड़ना बन्द कर देंगे एवं स्वयं आगे होकर पालक (Spinach) ख़रीद लायेंगे व बनायेंगे.

12 Benefits Of Spinach Palak In Hindi
1. लौह :
एनीमिया (Anemia ) हो अथवा अन्य किसी प्रकार की ऊर्जात्मक कमी अथवा ज़रा-सी बात पर थकावट छा जाने की परेषानी, इन सबके एक कारण के रूप में लौह की कमी को देखा गया है।
पालक (Spinach) में भरपूर लौह होता है; यदि साथ में Vitamin-C युक्त खाद्यों (जैसे अधिकांश खट्टे फलों) का समावेश साथ में कर लिया जाये तो पालक के लौह का अवशोषण शरीर के भीतर अच्छे से हो सकेगा।
यदि आपको अतिलौहमयता (शरीर में लौह की मात्रा विषाक्तता के स्तर पर अधिक होने की समस्या) हो तो पालक का सेवन कम मात्रा व आवृत्ति में करें तथा जिस भी प्रकरण में पालक की मात्रा कम रखने को कहा जाये.
उस प्रकरण में पालक को अन्य सब्जियों अथवा दालों के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है जिससे स्वाद बढ़ेगा एवं अकेली पालक से उस स्थिति विशेष में हो सकने वाली हानि निष्प्रभावी हो जायेगी।
2. विटामिन – ए :
नेत्रदृष्टि को सामान्य रखने में उपयोगी विटामिन – ए (Vitamin – A) पालक में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसकी कमी से रतौंधी की समस्या कई लोगों ने पढ़ी होगी एवं कुछ ने दुर्भाग्यवश अनुभव भी की होगी जिसमें रात को अथवा कम उजाले में दिखना असामान्य रूप से कम हो जाता है।
3. मैगनिश्यम :
हृद्स्पन्दन, प्रतिरक्षा-तन्त्र, रुधिर-परिसंचरण तन्त्र सहित पेशियों व तन्त्रिकाओं का कार्य सुचारु रूप से चलता रहे इसके लिये मैग्नीशियम शरीर में भोजन द्वारा पहुँचना अति जरूरी है। रक्तचाप ठीक करने सहित ऐसी ढेरों क्रियाएँ हैं जिनमें मैग्नीशियम महती भूमिका निभाता है।
4. पोटेशियम :
पालक में पोटेशियम का प्रचुर परिमाण उच्च रक्तचाप को घटाकर सामान्य करने में विशेष लाभ पहुँचाता है। शरीर में सोडियम के प्रभावों को कम करने में भी पोटेशियम सहायक हो सकता है। यह तथ्य ख़्याल रहे कि सोडियम की अधिक मात्रा व पोटेशियम की कम मात्रा वाली स्थिति में रक्तचाप बढ़ता देखा गया है।
वृक्क (गुर्दे) ठीक से कार्य न करते हों तो सतर्क रहें कि अत्यधिक पोटेशियम सेवन नहीं करना है क्योंकि यदि वृक्क रुधिर से अनावश्यक अतिरेक पोटेशियम मात्रा को न निकाल पायें तो स्थिति प्राणघातक हो सकती है।
5. मधुमेह हारी :
पालक में अल्फ़ा-लिपोइक अम्ल नामक एक एण्टिआक्सिडेण्ट पाया जाता है जिसके द्वारा शरीर के ग्लुकोज़ स्तर में कमी लायी गयी है, इन्स्युलिन-संवेदनशीलता बढ़ती देखी गयी है।
अन्य चिकित्सात्मक स्थितियों के ही समान मधुमेह में भी कोई प्रयोग करने से पूर्व व उस दौरान चिकित्सक से विचार-विमर्श जरुर करें एवं नियमित जाँचें भी कराते रहें क्योंकि रक्त-शर्करा एकदम से असामान्य रूप से कम होनी भी ख़तरे की घण्टी हो सकती है।
इसी कारण यदि शरीर में कहीं शल्यक्रिया करानी हो तो उसके दो सप्ताह पहले से पालक खानी बन्द करना सुझाया जाता है।
6. कैन्सर से बचाव :
पालक व अन्य खाद्य हरी भाजियों का हरितवर्णक (क्लोरोफ़िल) हेटरोसायक्लिक एमाइन्स के कैन्सरकारी प्रभावों को रोकने में सहायक पाया गया है, ये कैन्सरकारक रसायन तब उत्पन्न होते हैं जब खाद्य पदार्थों को उच्च तापमान में भूना जाता है।
7. अस्थमा में राहत :
एक अनुसंधान में पाया गया कि बीटा-कैरोटिन सहित कुछ पोषकों का अधिक सेवन करने वालों में अस्थमा होने की सम्भावना घट गयी, पालक में यह बीटा-कैरोटिन पर्याप्त परिमाण में मिलता है।
8. विटामिन के :
फ्ऱेक्चर की सम्भावना Vitamin के की कमी की स्थिति में बढ़ जाती है; यह Vitamin Bone matrix प्रोटीन्स के मोडिफ़ायर के रूप में कार्य करता है, कैल्शियम-अवशोषण को बढ़ाता है।
वैसे इसके साथ एक और तथ्य ख्याल रहे कि स्वयं पालक में कैल्शियम होता तो प्रचुर मात्रा में है परन्तु पालक का कैल्शियम उतनी सरलता से शरीर में अवशोषित हो नहीं पाता क्योंकि पालक में आग्ज़ालेट अंश अधिक होता है जिसमें कैल्शियम बँध जाता है व उपलब्ध होते हुए भी शरीर के लिये उतना उपयोग में नहीं आ पाता।
सावधानी यह बरतनी है कि यदि कोई व्यक्ति ख़ून पतला करने वाली दवाएँ लेता हो तो पालक एकदम से अधिक न बढ़ायें क्योंकि Vitamin-के रक्तस्कन्दन (ख़ून का थक्का जमाने) में बड़ी भूमिका निभाता है, शरीर की चोट में यह प्रभाव अच्छा हो सकता है.
किन्तु जिन्हें ख़ून गाढ़ा होने की समस्या रही हो उनकी भलाई पालक कम खाने में ही है ताकि शरीर की धमनियों में आन्तरिक स्तर पर ख़ून के थक्के न जमने पायें। आग्ज़ालेट वृक्काष्मरी (ग़ुर्दो की पथरी) की आषंका को बढ़ा सकता है, अतः ऐसी पथरी के लक्षण अथवा अतीत वाले लोग पालक कम ही खायें तो बेहतर।
9. पाचन-तन्त्र सुधारे :
पालक में रेषों व पानी दोनों की मात्राएँ अधिक होती हैं जिनसे कोष्ठबद्धता (मल बँधने) व अन्य पाचन-सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति पाने में बड़ी सहायता हो सकती है। खाना खाना पर्याप्त नहीं है वह पर्याप्त रूप से पचे व शरीर को पोषक तत्त्व मिलें यह भी आवष्यक है।
10. केश व त्वचा स्वास्थ्य :
पालक में Vitamin A की प्रचुर मात्रा से त्वचा व बालों की नमी बनी रहती है। त्वक्-कोषिकाओं में तैल बढ़ने से होने वाले मुँहासे इत्यादि से बचाव एवं काले व मजबूत बालों सहित सम्पूर्ण शरीर के ऊतकों की सामान्य बढ़त के भी लिये Vitamin A महत्त्वपूर्ण है।
पालक सहित अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाने वाला Vitamin c उस कोलेजन के निर्माण व रखरखाव के लिये निर्णायक होता है जिससे त्वचा व केषों को ढाँचा मिलता है। बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण लौहअल्पता भी है जिससे पार पाने में पालक जैसी लौह-समृद्ध भाजी-तरकारियाँ उपयोगी हैं।
11. थियामिन (विटामिन-बी1) :
बेरी-बेरी एवं तन्त्रिका-तन्त्र विकृतियों सहित अन्य अनेक समस्याओं से राहत पाने में सहायक Vitamin-बी1 (थियामिन) की कुछ मात्रा पालक में पायी जाती है। मद्यपान करने वालों में इस Vitamin की विशेष कमी देखी गयी है।
12. फ़ास्फ़ोरस :
अस्थियों सहित दाँतों के निर्माण में आवश्यक एवं शरीर की कोशिकाओं व ऊतकों की टूट-फूट मरम्मत में सहायक फ़ास्फ़ोरस की भी कुछ मात्रा पालक से मिल जाती है।
तो ये थी हमारी पोस्ट पालक से होने वाले 12 बेहतरीन फायदे, 12 Benefits Of Spinach Palak In Hindi, Palak Khane Ke Fayde. आशा करते हैं की आपको पोस्ट पसंद आई होगी और Carrot Juice Benefits की पूरी जानकारी आपको मिल गयी होगी. Thanks For Giving Your Valueble Time.
इस पोस्ट को Like और Share करना बिलकुल मत भूलिए, कुछ भी पूछना चाहते हैं तो नीचे Comment Box में जाकर Comment करें.